Wednesday, December 09, 2009

भगवान से बातचीत...

संता सिंह घनघोर शराबी था, लेकिन भगवान शिव का परम भक्त भी था...

रोज़ शाम को दारू पीकर धुत हो जाने के बाद मोहल्ले के शिव मंदिर में जाकर भगवान की बड़ी-सी मूर्ति से घंटों बतियाता रहता, और देर रात ही घर लौटता...

मंदिर के पुजारी जी को संता की यह हरकत पसंद नहीं थी, लेकिन कई बार टोकने के बावजूद संता के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी...

तब एक दिन दारूबाज संता को चकमा देने के लिए पुजारी जी ने संता के पहुंचने से पहले भगवान शिव की मूर्ति हटाकर उसके स्थान पर भगवान गणेश की मूर्ति रख दी...

रोज़ की तरह संता सिंह पूरी तरह धुत हालत में मंदिर पहुंचा, और वहां भगवान शिव की जगह गणेश की मूर्ति देखकर बहुत हैरान हुआ...

कुछ देर तक इधर-उधर देखने के बाद मूर्ति के नज़दीक जाकर धीरे-से बोला, "ओए पप्पू, तेरे पापा कित्थे हैं...?"

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