सार्थक ने एक दिन अपने पिता से पूछा, "पापा, कॉलगर्ल किसे कहते हैं...?"
पिता हड़बड़ा गए, लेकिन यह सोचकर कि बेटे के सवालों का जवाब नहीं देने की स्थिति में वह इधर-उधर से ऊटपटांग जवाब हासिल करेगा, बोले, "बेटे, कॉलगर्ल टेलोफ़ोन एक्सचेंज में काम करने वाली लड़की को कहते हैं, क्योंकि वह आपकी कॉल मिलाकर देती है... लेकिन मुझे यह बताओ, कि तुम्हें यह अनोखा प्रश्न कैसे सूझा...?"
सार्थक मुस्कुराया, और बोला, "पहले आप मुझे यह बताइए कि आपको यह अनोखा उत्तर कैसे सूझा...?"
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Thursday, December 17, 2009
सार्थक और कॉलगर्ल...
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