एक दिन मेरे बेटे सार्थक ने मुझसे पूछा, "पापा, मम्मी कहती है, मैं अभी छोटा हूं, इसलिए मुझे बिना उनसे पूछे घर से बाहर नहीं जाना चाहिए... मैं इतना बड़ा कब हो जाऊंगा, जब मैं उनसे इजाज़त लिए बिना घर से बाहर निकल सकूं...?"
मैंने एक ठंडी सांस ली, और जवाब दिया, "बेटा, इतना बड़ा तो अभी तक मैं ही नहीं हुआ..."

चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Friday, August 06, 2010
शरारती सार्थक, और मम्मी की आज्ञा...
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