शरारती सार्थक का अपने पालतू बोलने वाले तोते से मन भर गया, और उसने नीलामी के लिए अख़बार में इश्तिहार (विज्ञापन) दे दिया...
आखिरकार नीलामी का दिन आया, और 1,000 रुपये से शुरू होकर अंततः बोली 25,000 रुपये पर जाकर खत्म हुई...
जिन बुजुर्ग ने अपना मन बहलाने के लिए वह तोता 25,000 रुपये की बोली देकर खरीदा था, उन्होंने मुस्कुराते हुए सार्थक से सवाल किया, "बेटा, यह तोता सचमुच बोलता है न...?"
शरारती सार्थक ने तपाक से जवाब दिया, "अजी, बिल्कुल बोलेगा... यही तो आपके खिलाफ बोली बढ़ा रहा था..."
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Thursday, July 29, 2010
शरारती सार्थक और उसका तोता...
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शोभनम्
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