Wednesday, December 09, 2009

राहुल ही राहुल...

जनकल्याण कार्यालय में किसी प्रकार की सहायता पाने के लिए पहुंची एक महिला से वहां के एक कर्मचारी ने फॉर्म भरने के उद्देश्य से सवाल पूछने शुरू किए...

कर्मचारी ने पूछा, "आपके कितने बच्चे हैं...?"

महिला ने जवाब दिया, "दस..."

कर्मचारी ने अगला सवाल किया, "अच्छा... उनके नाम क्या हैं...?"

महिला ने कहा, "उनके नाम हैं - राहुल, राहुल, राहुल, राहुल, राहुल, राहुल, राहुल, राहुल, राहुल और राहुल..."

कर्मचारी ने हैरान होकर पूछा, "आपका मतलब है कि उन सभी का एक ही नाम है...?"

महिला ने कहा, "हां, लेकिन आप हैरान क्यों हो रहे हैं...?"

कर्मचारी बोला, "दरअसल मैंने ऐसा कभी नहीं सुना... यह बहुत अजीब है... अगर वे सभी बाहर खेल रहे हों और आपको उन्हें अन्दर बुलाना हो तो आप क्या कहती हैं...?"

महिला ने बताया, "मैं कहती हूं 'राहुल चलो, अन्दर आ जाओ', और वे सब अन्दर आ जाते हैं..."

कर्मचारी ने फिर पूछा, "और अगर आपको उन्हें खाने के लिए बुलाना हो तो क्या कहती हैं...?"

महिला का जवाब था, "मैं कहती हूं 'राहुल चलो, खाना तैयार हो गया है' और वे सब खाना खाने आ जाते हैं..."

कर्मचारी ने एक सवाल और दागा, "लेकिन अगर आपको उनमें से किसी एक को ही बुलाना हो तो...?"

महिला ने तब भी बिल्कुल आराम से जवाब दिया, "ओह, यह तो बहुत आसान है... उस हालत में मैं 'राहुल' के साथ उसका जातिनाम (सरनेम) भी जोड़ देती हूं..."

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

कौन हूं मैं...

मेरी पहेलियां...

मेरी पसंदीदा कविताएं, भजन और प्रार्थनाएं (कुछ पुरानी यादें)...

मेरे आलेख (मेरी बात तेरी बात)...