एलएलबी (वकालत) की कक्षा में प्रोफेसर ने एक छात्र से पूछा, "अगर तुम्हें किसी को एक आम देना हो तो तुम क्या करोगे...?"
छात्र ने जवाब दिया, "लो भाई, यह आम ले लो..."
प्रोफेसर कुछ नाराज़गी के साथ बोला, "नहीं, नहीं, एक वकील की तरह सोचो, बेटे..."
तब छात्र ने जवाब दिया, "ठीक है सर, मैं कहूंगा - 'मैं अपने पूरे होशोहवास में और बिना किसी के दबाव में यह फल, जो आम कहलाता है, उसके छिलके, रस, गूदे ओर गुठली सहित देता हूं और साथ ही इस बात का सम्पूर्ण अधिकार भी देता हूं कि इसे लेने वाला इसे काटने, छीलने, फ्रिज में रखने या खाने के लिए पूरी तरह अधिकृत होगा और यह भी अधिकार रखेगा कि वह इसे किसी भी दूसरे व्यक्ति को छिलके, रस, गूदे और गुठली के बिना या उनके साथ दे सकता है, और इसके बाद इस आम से मेरा किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं रह जाएगा..."

चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Wednesday, December 09, 2009
वकील साहब और आम...
कीवर्ड अथवा लेबल
Jokes,
Vivek Rastogi,
अध्यापक,
आम,
चुटकुले,
वकील,
विवेक रस्तोगी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment