Wednesday, December 09, 2009

वकील साहब और आम...

एलएलबी (वकालत) की कक्षा में प्रोफेसर ने एक छात्र से पूछा, "अगर तुम्हें किसी को एक आम देना हो तो तुम क्या करोगे...?"

छात्र ने जवाब दिया, "लो भाई, यह आम ले लो..."

प्रोफेसर कुछ नाराज़गी के साथ बोला, "नहीं, नहीं, एक वकील की तरह सोचो, बेटे..."

तब छात्र ने जवाब दिया, "ठीक है सर, मैं कहूंगा - 'मैं अपने पूरे होशोहवास में और बिना किसी के दबाव में यह फल, जो आम कहलाता है, उसके छिलके, रस, गूदे ओर गुठली सहित देता हूं और साथ ही इस बात का सम्पूर्ण अधिकार भी देता हूं कि इसे लेने वाला इसे काटने, छीलने, फ्रिज में रखने या खाने के लिए पूरी तरह अधिकृत होगा और यह भी अधिकार रखेगा कि वह इसे किसी भी दूसरे व्यक्ति को छिलके, रस, गूदे और गुठली के बिना या उनके साथ दे सकता है, और इसके बाद इस आम से मेरा किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं रह जाएगा..."

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