Wednesday, December 09, 2009

डाकबाबू और वैलेंटाइन कार्ड...

डाकबाबू डाकघर पहुंचे तो उन्होंने अच्छे बढ़िया कपड़े पहने एक प्रौढ़, गंजे-से सज्जन को काउंटर पर खड़ा पाया...

उन सज्जन के सामने ढेर सारे गुलाबी रंग के बेहद खूबसूरत लिफाफे रखे थे, और वह बहुत करीने से हर लिफाफे पर टिकट लगा रहे थे...

प्रत्येक लिफाफे पर दिल की आकृति भी बनी हुई थी, और आखिर सज्जन ने इत्र की एक शीशी जेब से निकाली, और हर लिफाफे पर स्प्रे करना शुरू कर दिया...

डाकबाबू उत्सुकतावश सज्जन के पास पहुंचे, और उससे पूछा, "महाशय, इतनी मेहनत करके इतने करीने से इतने सारे लिफाफे आप किन्हें भेज रहे हैं...?"

सज्जन ने मुस्कुराते हुए डाकबाबू की ओर देखा, और बोले, "मैं इस शहर के एक हज़ार विवाहित पुरुषों को वैलेंटाइन कार्ड भेज रहा हूं 'सोचो कौन...' लिखकर..."

डाकबाबू ने हैरान होते हुए फिर पूछा, "पुरुषों को... लेकिन क्यों...?"

सज्जन ने जवाब दिया, "मैं तलाक के मामलों का विशेषज्ञ वकील हूं..."

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