संता सिंह को उसके तीन वकील दोस्तों के साथ पार्क में बैठकर जुआ खेलने के आरोप में गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया...
मजिस्ट्रेट ने पहले वकील से बयान देने के लिए कहा, तो वह बोला, "माई लॉर्ड, मैं उस दिन यहां था ही नहीं... मैं लखनऊ जाने वाली ट्रेन में था... सबूत के तौर पर यह देखिए मेरा रेल टिकट..."
दूसरे वकील की बारी आने पर वह बोला, "उस दिन मैं घर पर बुखार में पड़ा था... सबूत के तौर पर यह देखिए, डॉक्टर का सर्टिफिकेट..."
तीसरे वकील का जवाब था, "मैं तो उस वक्त चर्च में बैठा भगवान से बातें कर रहा था... गवाह के तौर पर मैं चर्च के पादरी को साथ लाया हूं..."
अंततः मजिस्ट्रेट ने संता से पूछा, "अब तुम्हें क्या कहना है... क्या तुम भी जुआ नहीं खेल रहे थे...?"
संता ने तपाक से कहा, "किसके साथ...?"
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Friday, December 11, 2009
संता, वकील और जुआ...
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