विदेश से मैनेजमेंट की डिग्री लेकर आए संता सिंह ने अपने बेहद कामयाब व्यापारी पिता के बिज़नेस में शामिल होने से पहले पिता से सवाल किया, "पापा, आपने यह बेशुमार दौलत कैसे कमाई...?"
व्यापारी ने गंभीर आवाज़ में संता को बताना शुरू किया, "तेरी मम्मी से मेरी शादी को कुछ ही वक्त बीता था, कि कामचोरी के आरोप में मेरी नौकरी छूट गई... उस वक्त मेरे पास सिर्फ 50 रुपये थे... तेरे रईस नानाजी की सलाह से मैंने उन रुपयों से कुछ सेब खरीदे, और उन्हें बेचने निकल पड़ा... उनके बिक जाने पर अगले दिन भी मैंने वही किया, और ऐसा पूरे डेढ़ महीने तक चलता रहा..."
संता ने प्रभावित स्वर में पूछा, "फिर क्या हुआ, पापा...?"
व्यापारी ने जवाब दिया, "फिर तेरे नानाजी की मृत्यु हो गई, और उनका बिज़नेस मुझे संभालना पड़ा..."
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Thursday, July 29, 2010
बिज़नेस में कामयाबी का राज़...
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mazedaar ....!!!
ReplyDeleteधन्यवाद, मीणा जी... :-)
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