संता सिंह को कान में बाली पहने देखकर बंता को हैरानी हुई, और वह पूछ बैठा, "यार संता, तूने बाली पहनना कब से शुरू कर दिया...?"
संता ने जवाब दिया, "जब से मेरी बीवी मायके से लौटकर आई है..."
बंता ने फिर पूछा, "तो क्या भाभी तेरे लिए अपने मायके से बाली लेकर आई है...?"
संता ने ठंडी सांस भरकर कहा, "नहीं यार, यह बाली उसने मेरे बिस्तर से बरामद की थी..."

चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Tuesday, August 03, 2010
संता सिंह और कान की बाली...
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