Monday, August 02, 2010

गुप्ता जी का पुत्र, और डेटिंग...

हमारे गुप्ता जी अपनी कंजूसी के लिए जाने जाते हैं, जिनसे जुड़े कुछ चुटकुले मेरी मित्र पूजा गोयल ने मुझे भेजे थे... सो, आज से यह नई शृंखला 'गुप्ता जी' शुरू कर रहा हूं... आशा करता हूं, आप पसंद करेंगे...

गुप्ता जी का पुत्र अपनी सहेली के साथ डेट पर गया, और पीछे से गुप्ता जी बेचारे अंगारों पर लोटते रहे, कि न जाने कितने हज़ार का चूना लगाकर आएगा कमबख्त...

रात को जैसे ही बेटा घर में घुसा, गुप्ता जी ने उसे रोक लिया और पूछा, "कितने पैसे खर्च हुए, नालायक...?"

बेटे ने दो-एक मिनट मन ही मन हिसाब लगाया - "पहले फूल खरीदे 100 रुपये के, फिर फिल्म देखने गए - वहां 500 रुपये के टिकट आए, और आखिर में डिनर किया, जिसमें कुल 800 रुपये लगे... कुल 1400 रुपये खर्च हुए, पापा..."

गुप्ता जी ने उम्मीद से कम रकम सुनकर ठंडी सांस ली, और बोले, "फिर तो ज़्यादा नहीं है..."

बेटे ने तपाक से जवाब दिया, "क्या करता, पापा... उसके पास इससे ज़्यादा थे ही नहीं..."

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