Monday, August 02, 2010

गुप्ता जी को पितृशोक...

हमारे गुप्ता जी अपनी कंजूसी के लिए जाने जाते हैं, जिनसे जुड़े कुछ चुटकुले मेरी मित्र पूजा गोयल ने मुझे भेजे थे... सो, आज से यह नई शृंखला 'गुप्ता जी' शुरू कर रहा हूं... आशा करता हूं, आप पसंद करेंगे...

गुप्ता जी के पिता का देहावसान हो गया...

विज्ञापन छपवाने के लिए उन्होंने अख़बार के दफ्तर में फोन किया और पूछा : मेरे पिताजी गुज़र गए हैं, विज्ञापन छपवाने के कितने पैसे लगेंगे...?

जवाब मिला : 50 रुपये प्रति शब्द...

गुप्ता जी ने तुरंत कहा : बहुत ज़्यादा हैं... अच्छा लिखिए, पिताजी गुज़र गए...

फिर आवाज़ आई : सर, कम से कम छह शब्द होने ज़रूरी हैं...

गुप्ता जी फिर बोले : ओह... ऐसा है क्या... अच्छा लिखिए, पिताजी गुज़र गए, मारुति बिकाऊ है...

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