हमारे गुप्ता जी अपनी कंजूसी के लिए जाने जाते हैं, जिनसे जुड़े कुछ चुटकुले मेरी मित्र पूजा गोयल ने मुझे भेजे थे... सो, आज से यह नई शृंखला 'गुप्ता जी' शुरू कर रहा हूं... आशा करता हूं, आप पसंद करेंगे...
गुप्ता जी (टैक्सी ड्राइवर से) : गुरुद्वारा बंगला साहिब जाओगे...?
टैक्सी ड्राइवर : जाऊंगा, साहब...
गुप्ता जी (थैले में से टिफिन निकालकर) : यह रख लो, और वापसी में लंगर का खाना लेते आना...
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Monday, August 02, 2010
गुप्ता जी और टैक्सी ड्राइवर...
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हा-हा-हा
ReplyDeleteभई, आप करें तो मित्व्यता,और बनिया करे तो कजूस?
ReplyDeleteयह तो न्याय न हुआ।
:-)
ReplyDeleteसुज्ञ जी, यहां न्याय-अन्याय न खोजें, भाई... इस ब्लॉग पर सारा मसाला हंसने-हंसाने के लिए एकत्र किया गया है... :-)
ReplyDeleteमैने भी चुहल ही की है,पर सार्थक
ReplyDeleteसमझ रहा हूं, सुज्ञ गुरुदेव... :-)
ReplyDeleteबनिए के घरवाली को बताना होगा!
ReplyDeletePN ji, lekin agar woh bhi mujh Baniye jaisi hi nikli, to kya keejiyega, gurudev... ;-)
ReplyDeleteअब दिल खोल के हंस लुं, हा,हा,हा
ReplyDeleteटिप्पीन वाला थेला,बनियाईन ने ही तो पकडाया था।
ReplyDeleteबहुत मजेदार चुटकुला है |
ReplyDeleteधन्यवाद, नरेश भाई... :-)
ReplyDeleteThis comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDeleteतारीफ के लिए शुक्रिया, ज़ाकिर भाई... :-)
ReplyDeleteha ha ha ha ha
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteसही तो है.. वक़्त भी बचेगा, पैसे भी और ऊर्जा भी.. बचत ही बचत.. इसमें कंजूसी काहे की भाई.. :)
ReplyDelete:-)
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