कुछ दिन से मेरा बेटा शरारती सार्थक बेहद आलसी होता जा रहा है...
हाल ही में एक दिन हम दोनों टीवी देख रहे थे, तो वह मुझसे बोला, "पापा, एक गिलास पानी ला दो..."
मुझे उसकी यह हरकत बुरी लगी, और मैंने डपटकर कहा, "खुद उठकर लेकर आ..."
लेकिन उसने फिर कहा, "प्लीज़ पापा, ला दो न..."
मैंने ज़ोर से डांटते हुए कहा, "सार्थक, बदतमीज़ी बंद कर, और अपना काम खुद करना सीख..."
लेकिन सार्थक बाज़ नहीं आया, और बोला, "प्लीज़... प्लीज़... बहुत प्यास लगी है, पापा... ला दो न..."
अब मेरा पारा चढ़ गया, और मैंने धमका दिया, "अब एक बार भी तूने कहा, तो कसकर थप्पड़ लगाऊंगा..."
सार्थक ने तपाक से कहा, "अच्छा, ठीक है... जब थप्पड़ मारने आओगे, तब एक गिलास पानी लेते आना..."

चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Tuesday, August 03, 2010
शरारती सार्थक आलसी भी हुआ...
कीवर्ड अथवा लेबल
Jokes,
Saarthak Rastogi,
Vivek Rastogi,
आलसी,
चुटकुले,
पापा,
विवेक रस्तोगी,
शरारती सार्थक,
सार्थक रस्तोगी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment