Tuesday, May 03, 2011

फिर फूटा संता सिंह का सिर...

संता सिंह बुरी तरह फूटे हुए सिर के साथ डॉक्टर के पास पहुंचा, और डॉक्टर ने भी ड्रेसिंग करने में देर न की...

बाद में उसने फीस देते संता से सवाल किया, "यह चोट कैसे लगी, भाईसाहब...?"

संता ने ठंडी सांस लेते हुए जवाब दिया, "क्या बताऊं, डॉक्टर साहब... हुआ यूं कि पिछले हफ्ते मेरी बीवी मायके चली गई थी... मुझे हवा बदलने का आयडिया आया, और मैं भी होटल में जाकर टिक गया... वहां रात को 12 बजे मेरे कमरे की घंटी बजी, मैंने दरवाज़ा खोला तो नाइटी में लिपटी एक बेहद खूबसूरत लड़की ने रात को परेशान करने के लिए माफी मांगते हुए बताया कि उसे सर्दी लग रही है, और मदद चाहिए... मैंने तुरंत अपने कमरे का कंबल उठाकर उसे दे दिया... लगभग एक घंटे बाद घंटी फिर बजी, दरवाज़ा खोला, और वही लड़की फिर सामने थी... इस बार भी उसे वही शिकायत थी, सो, मैंने अपना ओवरकोट भी उसे दे दिया... वह चली गई, और फिर लौटकर नहीं आई... फिर आज अपने घर पर दीवार में कील ठोकते हुए अचानक मुझे समझ में आया कि उस दिन वह लड़की क्या चाह रही थी, बस, मैंने हथौड़ी अपने सिर पर दे मारी..."

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