संता (डॉक्टर से) : डॉक्टर साहब, मैं चश्मा लगाकर पढ़ तो सकूंगा न...?
डॉक्टर : हां, हां, बिल्कुल पढ़ सकोगे...
संता : तब तो ठीक है, वर्ना अनपढ़ आदमी की ज़िंदगी भी कोई ज़िंदगी है...

चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Thursday, November 19, 2009
चश्मा और पढ़ाई
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