Thursday, November 19, 2009

दुनिया और कोट...

ग्राहक (दर्जी से शिकायती लहजे में) : अरे, भगवान ने तीन दिन में दुनिया बना डाली थी और तुम्हें एक कोट बनाने में तीन हफ्ते लग गए...

दर्जी (तपाक से) : इसीलिए तो कह रहा हूं, जल्दी का काम ठीक नहीं होता, दुनिया की हालत तो आप देख ही रहे हैं...

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