संता घर पहुंचकर अपनी पत्नी से कहता है, "आज मैं बंता से शर्त जीत गया..."
पत्नी ने पूछा, "कैसी शर्त...?"
संता ने जवाब दिया, "मैंने कहा कि बकरी के तीन थन होते हैं, और वह कह रहा था कि दो ही होते हैं... लेकिन आख़िरकार बंता मान ही गया..."
पत्नी तपाक से बोली, "लेकिन बकरी के तो सचमुच ही सिर्फ़ दो थन होते हैं..."
संता ज़ोर से बोला, "अब तू शुरू मत कर, बकरी के तीन थन ही होते हैं..."
पत्नी ने फिर विरोध किया, "नहीं, बकरी के दो ही थन होते हैं..."
संता ने गुस्से में आकर डंडा उठाया और पत्नी के ऊपर दनादन बरसाना शुरू कर दिया...
दो ही मिनट में पत्नी रोते हुए बोली, "अच्छा बाबा, बस करो, बकरी के तीन ही थन होते हैं..."
संता ने तुंरत जवाब दिया, "बंता भी इसी तरह माना था..."

चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Thursday, November 19, 2009
बकरी के थन
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