गणित की कक्षा में अध्यापक ने सार्थक से सवाल किया, "बेटा, यह बताओ, यदि तुम्हारे पापा बैंक से पांच लाख रुपये का ऋण लेते हैं, और ब्याज की दर 10 प्रतिशत वार्षिक है, तो एक वर्ष बाद वह कुल कितनी रकम बैंक को लौटाएंगे...?"
सार्थक तपाक से बोला, "कुछ भी नहीं..."
अध्यापक नाराज़ होते हुए गुर्राया, "इतने दिन से ब्याज का हिसाब लगाना सिखा रहा हूं, लेकिन तुम इतना भी गणित नहीं जानते..."
सार्थक ने तुरंत जवाब दिया, "मैं तो गणित जानता हूं, लेकिन आप मेरे पापा को नहीं जानते..."
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Wednesday, December 09, 2009
गणित नहीं जानते...
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