संता सिंह ने अपनी परेशानी बंता सिंह को सुनाते हुए कहा, "यार, मैं अपनी पत्नी से बहुत परेशान हूं... सारा बजट बिगाड़ देती हैं उसकी फरमाइशें... हर छह महीने में एक अच्छी-सी साड़ी की फरमाइश कर देती है..."
बंता ने पलटकर अपनी परेशानी बताई, "यार, मेरी पत्नी इससे भी ज़्यादा परेशान करती है... हर हफ्ते एक साड़ी की फरमाइश होती है उसकी..."
संता ने हैरान होकर पूछा, "अरे बाप रे... लेकिन इतनी साड़ियों का वह करती क्या है...?"
बंता ने जवाब दिया, "पता नहीं, दोस्त... मैंने तो आज तक दिलाई नहीं..."
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Monday, January 11, 2010
पत्नी से बहुत परेशान हूं...
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