Monday, January 04, 2010

शर्त का शौकीन शरारती सार्थक...

शरारती सार्थक को उसके पिता ने नए स्कूल में दाखिल करवाया, तो उसकी मैडम को सावधान करते हुए कहा, "ध्यान रखिएगा, मेरा बेटा भयंकर जुआरी है, और हर बात में शर्त लगाता है..."

मैडम ने लापरवाही से कंधे झटकते हुए कहा, "सर, आप चिंता न करें... मैंने इससे भी ज़्यादा बिगड़े हुए बच्चे ठीक किए हैं... मैं आपके बेटे को शर्त में हरा दूंगी, और आखिरकार वह शर्त लगाना छोड़ देगा..."

पिताजी निश्चिंत होकर घर लौट गए...

सार्थक का स्कूल में पहला दिन बीतने के बाद शाम को उसके पिता ने मैडम को फोन कर बेटे के व्यवहार के बारे में पूछा...

मैडम ने बहुत खुश होकर बताया, "पहले ही दिन आपके बेटे को शर्त लगाकर हरा दिया है मैंने... अब सार्थक कई बार सोचेगा कोई भी शर्त लगाने से पहले..."

पिता ने मैडम की बात से उत्साहित होकर पूछा, "अच्छा... क्या हुआ था...?"

मैडम गर्व से बोली, "कुछ अटपटा ज़रूर लगा, लेकिन आपके बेटे को हराना ज़रूरी था, इसलिए मैंने कर दिया... दरअसल, उसने आते ही मुझसे 50 रुपये की शर्त लगाई कि मेरे कूल्हे पर एक तिल है, मैंने भी झट से अपने कपड़े उतारे और शर्त जीत ली..."

पिता के मुंह से निकला, "हे भगवान, मैं लुट गया..."

मैडम ने हैरानी से पूछा, "इसमें आप कैसे लुट गए, सर..."

पिता ने जवाब दिया, "सार्थक ने स्कूल जाने वक्त सुबह मुझसे 1000 रुपये की शर्त लगाई थी, कि घर लौटने से पहले मैडम के कपड़े उतरवा देगा..."

1 comment:

  1. सार्थक तो होशियार है, लेकिन टीचर ज्यादा बेवकूफ है या पापा, ये कहना मुश्किल है :-)

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