मेरी पत्नी जब भी नाराज़ होती हैं, वह हर बात में उलाहने देने का मौका तलाश करती हैं...
ऐसे ही एक मौके पर जब मैं उनकी नाराज़गी से परेशान हो गया, तो सोचने लगा, ऐसा क्या करूं, जिसमें उन्हें किसी भी तरह का उलाहना देने का मौका न मिले, और उन्हें खुशी भी हो...
सो, काफी देर सोच-विचार करने के बाद मैंने उन्हें खुश करने के लिए उन दो कमीज़ों में से एक निकालकर पहन ली, जो उन्होंने मुझे जन्मदिन के तोहफे के तौर पर दी थीं...
अब मैं मुस्कुराता हुआ उनके पास रसोई में गया, ताकि कमीज़ देखकर उनका मूड ठीक हो जाए...
मुझे वह कमीज़ पहने देखते ही देवीजी बोलीं, "देखा, मुझे पहले से ही मालूम था... दूसरी वाली पसंद नहीं आई न...?"
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Monday, August 02, 2010
पत्नी के उलाहने, और जन्मदिन का तोहफा...
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विवेक रस्तोगी
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ha ha ha ha ha
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteहा हा!! :)
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteShukriya, Verma ji... :-)
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