शरारती सार्थक के सहपाठियों ने उसे चिढ़ाने की ठानी, और पहले ने गप हांकी, "मेरे दोस्तों, मेरा घर इतना बड़ा है कि एक कमरे से दूसरे में जाने के लिए मोटरसाइकिल इस्तेमाल करनी पड़ती है..."
दूसरे ने भी बढ़ा-चढ़ाकर बोलते हुए कहा, "यारों, मेरा घर इतना बड़ा है कि एक कमरे से दूसरे में जाने के लिए हमारे घर में लोकल ट्रेन चलती है..."
सार्थक कहां हार मानने वाला था, सो, तपाक से बोला, "मेरे प्यारे मित्रों, मेरा घर तो इतना बड़ा है कि एक कोने से दूसरे में जाओ तो रोमिंग लगने लगती है..."
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