शरारती सार्थक के पिता ने उसके स्कूल का रिपोर्ट कार्ड देखकर गुस्से में कहा, "इतने कम मार्क्स... दिल करता है, दो थप्पड़ लगाऊं..."
सार्थक ने तपाक से कहा, "बिल्कुल सही, पापा... चलो मेरे साथ, मैंने मैडम का घर भी देखा है..."
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
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