संता सिंह को अदालत में पेश किया गया, और जज साहब ने पूछा, "तुम्हें यहां क्यों लाया गया है...?"
संता लगभग चिल्लाकर बोला, "देख लीजिए माई लॉर्ड, कितना अन्याय हो रहा है आपके राज में... मैंने एक दुकानकार को सिर्फ 100 रुपये का छुट्टा दिया था, जिसके बाद ये पुलिसवाले मुझे पकड़कर आपके पास ले आए..."
जज साहब हैरानी से पुलिस अफसर से बोले, "छुट्टा देना कब से अपराध हो गया, भाई...?"
पुलिस अफसर ने जवाब दिया, "माई लॉर्ड, इन साहब ने 100 रुपये के छुट्टे में दुकानकार को 25 रुपये वाले चार नोट दिए थे..."
संता लगभग चिल्लाकर बोला, "देख लीजिए माई लॉर्ड, कितना अन्याय हो रहा है आपके राज में... मैंने एक दुकानकार को सिर्फ 100 रुपये का छुट्टा दिया था, जिसके बाद ये पुलिसवाले मुझे पकड़कर आपके पास ले आए..."
जज साहब हैरानी से पुलिस अफसर से बोले, "छुट्टा देना कब से अपराध हो गया, भाई...?"
पुलिस अफसर ने जवाब दिया, "माई लॉर्ड, इन साहब ने 100 रुपये के छुट्टे में दुकानकार को 25 रुपये वाले चार नोट दिए थे..."
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