संता सिंह शादी के बाद पहली बार ससुराल गया तो हड़कंप मच गया, और चारों ओर से सभी रिश्तेदार और पड़ोसी खातिर-तवज्जो में जुट गए...
अच्छे से अच्छा और पौष्टिक खाना खिलाने के मकसद से उसकी सास रोज़ाना पालक, मेथी, बथुआ, मूली, घीया, तोरई आदि हरी सब्ज़ियां पकाकर उसे खिलाती रहीं...
पांचवें-छठे दिन औपचारिकतावश सास ने खाना बनाने से पहले संता से पूछा, "कहिए, कुंवर साहब, आज क्या खाना पसंद करेंगे...?"
संता ने आदर के साथ कहा, "मां जी, आप नाहक ही तकलीफ करती हैं... आप मुझे खेत का रास्ता बता दें, मैं खुद ही चर आऊंगा..."
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