Wednesday, December 09, 2009

पुरुष और स्त्रियों से जुड़ी परिभाषाएं...

एक सफल पुरुष वह होता है, जो उससे अधिक कमाकर लाए, जितना उसकी पत्नी खर्च करती है...
एक सफल स्त्री वह होती है, जो ऐसा पुरुष पति रूप में पा सके...

एक पुरुष एक रुपया मूल्य की किसी ऐसी वस्तु को दो रुपये में भी खरीद लेता है, जिसकी उसे ज़रूरत है...
एक स्त्री दो रुपये मूल्य की किसी ऐसी वस्तु को एक रुपये में मिलने पर खरीद लेती है, जिसकी उसे कतई ज़रूरत नहीं...

एक पुरुष के साथ खुश रहने के लिए ज़रूरी है कि उसे बहुत समझा जाए, और थोड़ा प्यार किया जाए...
एक स्त्री के साथ खुश रहने के लिए ज़रूरी है कि उसे बहुत प्यार किया जाए, और समझने की बिलकुल कोशिश न की जाए...

एक स्त्री एक पुरुष से इस आशा में शादी करती है कि वह बदल जाएगा, परन्तु वह नहीं बदलता...
एक पुरुष एक स्त्री से इस आशा में शादी करता है कि नहीं बदलेगी, परन्तु वह बदल जाती है...

एक स्त्री तब तक भविष्य की चिंता करती है, जब तक वह एक पति नहीं पा लेती...
एक पुरुष तब तक भविष्य की चिंता नहीं करता, जब तक वह एक पत्नी नहीं पा लेता...

एक स्त्री हमेशा उस पुरुष को याद करती है, जो उससे शादी करना चाहता था...
एक पुरुष हमेशा उस स्त्री को याद करता है, जिससे उसने शादी नहीं की...

अब कुछ एक पंक्ति वाली परिभाषाएं...

पुरुष केवल दो ही कालांतरों में स्त्री को नहीं समझ पाता - विवाह से पहले और विवाह के बाद...

विवाहित पुरुष को अपनी गलतियां भुला देनी चाहिए... कोई लाभ नहीं कि एक ही बात को दो-दो लोग याद रखें...

पति-पत्नी के बीच होने वाली प्रत्येक बहस में अंतिम शब्द हमेशा पत्नी के होते हैं... उसके बाद पति का कुछ भी कहना नई बहस की शुरुआत होता है...

केवल दो नियमों का पालन कर पुरुष अपनी पत्नी को प्रसन्न रख सकता है... एक - उसे समझने दिया जाए कि वह अपनी शर्तों पर जीती है... दो - उसे उसकी शर्तों पर जीने दिया जाए...

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