Tuesday, January 05, 2010

सार्थक का तोहफा, मैडम के लिए...

स्कूल के आखिरी दिन सभी बच्चे अपनी प्यारी मैडम के लिए कोई न कोई तोहफा लेकर आए थे...

फूल की दुकान चलाने वाले के बेटे के हाथ से पैकेट लेकर मैडम ने उसे हिलाया, और हंसकर बोलीं, "मुझे मालूम है, इसमें फूल हैं..."

बच्चा खुश होकर बोला, "बिल्कुल सही, मैडम..."

उसके बाद टॉफी बेचने वाले के बेटे के हाथ से पैकेट लेकर मैडम ने उसे भी हिलाया, और हंसकर बोलीं, "मुझे मालूम है, इसमें टॉफी हैं..."

वह बच्चा भी ताली बजाते हुए बोला, "बिल्कुल सही, मैडम..."

तब वाइनशॉप चलाने वाले के बेटे सार्थक की बारी आई, और मैडम ने उसके हाथ से पैकेट लिया, हिलाया...

मैडम ने महसूस किया कि पैकेट में से कुछ द्रव बहकर बाहर आ रहा है, सो, उन्होंने अपनी अंगुली उस द्रव में डुबोई, और चखकर बोलीं, "मुझे मालूम है, इसमें नई किस्म की वाइन है, सार्थक..."

सार्थक ने भी ताली बजाते हुए कहा, "बिल्कुल नहीं, मैडम... मैं आपके लिए एक पिल्ला लेकर आया हूं..."

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