Monday, August 02, 2010

गुप्ता जी और टैक्सी ड्राइवर...

हमारे गुप्ता जी अपनी कंजूसी के लिए जाने जाते हैं, जिनसे जुड़े कुछ चुटकुले मेरी मित्र पूजा गोयल ने मुझे भेजे थे... सो, आज से यह नई शृंखला 'गुप्ता जी' शुरू कर रहा हूं... आशा करता हूं, आप पसंद करेंगे...

गुप्ता जी (टैक्सी ड्राइवर से) : गुरुद्वारा बंगला साहिब जाओगे...?

टैक्सी ड्राइवर : जाऊंगा, साहब...

गुप्ता जी (थैले में से टिफिन निकालकर) : यह रख लो, और वापसी में लंगर का खाना लेते आना...

18 comments:

  1. भई, आप करें तो मित्व्यता,और बनिया करे तो कजूस?
    यह तो न्याय न हुआ।

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  2. सुज्ञ जी, यहां न्याय-अन्याय न खोजें, भाई... इस ब्लॉग पर सारा मसाला हंसने-हंसाने के लिए एकत्र किया गया है... :-)

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  3. मैने भी चुहल ही की है,पर सार्थक

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  4. समझ रहा हूं, सुज्ञ गुरुदेव... :-)

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  5. बनिए के घरवाली को बताना होगा!

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  6. PN ji, lekin agar woh bhi mujh Baniye jaisi hi nikli, to kya keejiyega, gurudev... ;-)

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  7. अब दिल खोल के हंस लुं, हा,हा,हा

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  8. टिप्पीन वाला थेला,बनियाईन ने ही तो पकडाया था।

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  9. बहुत मजेदार चुटकुला है |

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  10. धन्यवाद, नरेश भाई... :-)

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  11. This comment has been removed by a blog administrator.

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  12. तारीफ के लिए शुक्रिया, ज़ाकिर भाई... :-)

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  13. सही तो है.. वक़्त भी बचेगा, पैसे भी और ऊर्जा भी.. बचत ही बचत.. इसमें कंजूसी काहे की भाई.. :)

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