शरारती सार्थक ने असम यात्रा के दौरान कामरूप मंदिर के करीब एक दुकान से अपनी गर्लफ्रेंड को जन्मदिन पर देने के लिए एक बेहद अनूठा तोहफा खरीदा, और भेज दिया...
वह तोहफा एक ऐसा मुर्गा था, जो न सिर्फ मुंह अंधेरे 'कुकड़ूं-कूं' बोलकर जगाता था, बल्कि इंसानों की तरह बात कर सकता था, और देश-विदेश की लगभग 40 भाषाएं बोलना जानता था...
दिल्ली लौटकर उसने गर्लफ्रेंड को फोन किया, और पूछा, "जानेमन, कैसा लगा तोहफा...?"
गर्लफ्रेंड ने तपाक से जवाब दिया, "धन्यवाद जानू, बेहद स्वादिष्ट था..."
वह तोहफा एक ऐसा मुर्गा था, जो न सिर्फ मुंह अंधेरे 'कुकड़ूं-कूं' बोलकर जगाता था, बल्कि इंसानों की तरह बात कर सकता था, और देश-विदेश की लगभग 40 भाषाएं बोलना जानता था...
दिल्ली लौटकर उसने गर्लफ्रेंड को फोन किया, और पूछा, "जानेमन, कैसा लगा तोहफा...?"
गर्लफ्रेंड ने तपाक से जवाब दिया, "धन्यवाद जानू, बेहद स्वादिष्ट था..."
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