Tuesday, December 22, 2009

संता का डिनर, होशियार वेटर, और समय प्रबंधन...

संता सिंह अपनी पत्नी जीतो को लेकर एक शानदार रेस्तरां में पहुंचे...

खाना ऑर्डर करते वक्त संता की नज़र वेटर की कमीज़ की जेब में रखे एक चम्मच पर गई...

उसने इधर-उधर देखा, तो हर वेटर की कमीज़ की जेब में वैसा ही एक चम्मच मौजूद था...

सो, उसने वेटर से पूछा, "भाई, तुम्हारी और तुम्हारे सभी साथियों की कमीज़ की जेब में चम्मच किसलिए रखा है...?"

वेटर ने झुककर राज़दाराना अंदाज़ में संता को बताया, "सर, दरअसल हमारे मालिक ने एक कंपनी को ठेका दिया था, ताकि वह हमारे स्टाफ को बेहतर समय प्रबंधन (time management) सिखा सके... उसी कंपनी के सर्वे के मुताबिक 75 प्रतिशत से ज़्यादा ग्राहक कम से कम एक बार अपना चम्मच ज़रूर गिराते हैं... सो, इस तरह चम्मच जेब में मौजूद रहने से नया चम्मच लेने के लिए रसोई तक आने-जाने में खर्च होने वाला लगभग दो घंटे का समय हम प्रति शिफ्ट बचा लेते हैं..."

संता काफी प्रभावित हुआ, और लो, लगभग उसी वक्त हाथ लग जाने की वजह से उसका चम्मच नीचे गिर गया...

वेटर ने फुर्ती से अपनी जेब से चम्मच निकालकर संता की प्लेट में रखा, और बोला, "अब जब मैं किसी भी ऑर्डर के लिए रसोई में जाऊंगा, दूसरा चम्मच जेब में डाल लूंगा..."

संता और जीतो मज़े से खाना खाने लगे...

कुछ ही देर बाद जब वेटर आइसक्रीम रखने के लिए उनकी मेज़ पर आया, संता को उसकी पतलून के भीतर से बाहर आकर लटका हुआ एक मजबूत धागा नज़र आया...

संता ने जब उसके बारे में सवाल किया, तो वेटर ने प्रशंसात्मक लहजे में कहा, "सर, आपके जैसी पैनी नज़र ज़्यादा ग्राहकों की नहीं होती... खैर, आपको इस धागे के बारे में भी बता देता हूं... उसी सर्वे कंपनी के मुताबिक हम वेटर लोग कम से कम एक घंटा प्रति शिफ्ट बाथरूम जाने के बाद हाथ धोने में खर्च कर देते हैं, सो, अपने उसको, आप समझ ही गए होंगे - किसको, धागे से बांध लेने पर हमें हाथ धोने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती..."

संता इस बार भी प्रभावित हुआ, और बोला, "यार, यह आइडिया तो बहुत अच्छा है, लेकिन अपने उसको, तुम समझ ही गए होगे - किसको, वापस पतलून में कैसे पहुंचाते हो तुम लोग...?"

वेटर काफी झुककर संता के कान में फुसफुसाया, "सर, बाकी साथियों का मुझे नहीं पता, लेकिन मैं अपनी जेब में रखा चम्मच इस्तेमाल करता हूं..."

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