संता सिंह किसी बेहद ज़रूरी काम से अस्पताल पहुंचा, तो उसे कोई पार्किंग स्पेस खाली न मिला...
घबराहट में उसने भगवान से विनती शुरू की, "हे वाहेगुरु, यदि आप मुझे तुरंत एक पार्किंग स्पेस दिला दें, तो मैं सिगरेट-शराब पीना कतई छोड़ दूंगा और प्रत्येक रविवार को गुरुद्वारे भी जाऊंगा..."
तभी अचानक उसे एक पार्किंग स्पेस मिल गया...
संता ने तुरंत सिर उठाया और कहा, "आप रहने दें, वाहेगुरु, मुझे वैसे ही मिल गया..."
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Wednesday, December 09, 2009
वाहेगुरु और पार्किंग स्पेस...
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