महाविद्वान तथा प्रकांड पन्डित होने का दावा करने वाले एक सज्जन से एक युवती ने पूछा, "महाराज, क्या आप बता सकते हैं, मंगलसूत्र का क्या औचित्य होता है...?"
महाराज ने मुस्कुराकर उत्तर दिया, "बालिके, मंगलसूत्र लाइसेंस होता है, कॉन्डोम के बिना कामसूत्र का आनंद उठाने का..."
बालिका को भी चैन कहां था, सो, फटाक से दूसरा सवाल दाग दिया, "लेकिन महाराज, फिर इस कॉन्डोम का क्या औचित्य होता है...?"
महाराज ने इस बार एक कुटिल मुस्कान के साथ उत्तर दिया, "बालिके, कॉन्डोम लाइसेंस होता है, मंगलसूत्र के बिना कामसूत्र का आनंद उठाने का..."
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