Thursday, September 08, 2011

शरारती सार्थक, और गाली की परिभाषा...

कक्षा में मॉनीटर बनाए जाने के बाद हिन्दी की मैडम के नहीं आने पर शरारती सार्थक ने सभी बच्चों से शोर न मचाने और पढ़ाई में ध्यान देने के लिए कहा...

उसके एक सहपाठी को मस्ती सूझी, और वह बोला, "सार्थक, हमें कल परिभाषाएं सिखाई गई थीं... लेकिन क्या तुम 'गाली' की परिभाषा बता सकते हो...?"

सार्थक ने हमेशा की तरह तपाक से जवाब दिया, "अत्यधिक क्रोध आने पर भी शारीरिक हिंसा का आश्रय न लेते हुए, मौखिक रूप से प्रतीकात्मक हिंसक कार्यवाही हेतु चयनित असंसदीय शब्दों के ऐसे समूह को, जिसके उच्चारण के उपरांत हृदय में धधकती क्रोध की ज्वाला शांत होती प्रतीत हो, हम गाली कहते हैं..."

2 comments:

  1. वाह...क्या बात ...
    ऐसी उत्कृष्ट परिभाषा पहली बार पढ़ी

    ReplyDelete
  2. धन्यवाद, प्रकाश भाई... :-)

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

कौन हूं मैं...

मेरी पहेलियां...

मेरी पसंदीदा कविताएं, भजन और प्रार्थनाएं (कुछ पुरानी यादें)...

मेरे आलेख (मेरी बात तेरी बात)...