Tuesday, October 11, 2011

नन्ही निष्ठा, और डरावनी चुड़ैल जैसी शक्ल...

नन्ही निष्ठा बेहद ज़ोर-ज़ोर से रो रही थी...

मां ने देखा, दौड़कर पास आई, सीने से लगाया, और सिर पर हाथ फिराते हुए पूछा, "क्या हुआ मेरी गुड़िया-सी बेटी को, रो क्यों रही है...?"

निष्ठा ने सुबकते हुए सवाल किया, "मम्मी, क्या मैं डरावनी चुड़ैल जैसी लगती हूं...?"

मम्मी ने तुरंत कहा, "नहीं बेटी, बिल्कुल नहीं..."

निष्ठा ने फिर पूछा, "क्या मेरी आंखें मेंढकी जैसी हैं...?"

मम्मी ने फिर कहा, "अरे, कौन कहता है... मेरी गुड़िया तो मृगनयनी है, मृगनयनी..."

निष्ठा के सवाल अब भी खत्म नहीं हुए थे, "क्या मेरी नाक भैंस जैसी है...?"

मम्मी ने बिटिया के सिर पर हाथ फिराते हुए बेहद प्यार से कहा, "हरगिज़ नहीं, मेरी बच्ची, तेरी नाक तो बिल्कुल सुतवां और बहुत सुन्दर है..."

निष्ठा का सुबकना तब भी बन्द नहीं हुआ, बोली, "क्या मैं गैण्डे की तरह बेडौल हूं...?"

मम्मी ने अब भी धैर्य नहीं खोया, और बोली, "ऐसा कतई नहीं है, निष्ठा... तू तो बार्बी डॉल जैसी प्यारी है..."

अब निष्ठा के चेहरे पर गुस्से के भाव आए, और ज़ोर से बोली, "अब नहीं छोड़ूंगी उस पड़ोसन को... वह कह रही थी, मैं बिल्कुल अपनी मम्मी जैसी दिखती हूं..."

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