बीवी : वह स्त्री, जो शादी के बाद कुछ ही सालों में टोक-टोककर आपकी सारी आदतें बदल दे, और फिर शिकायत करे, "आप कितना बदल गए हैं..."
समिति : ऐसे व्यक्तियों का समूह, जो अकेले-अकेले कुछ नहीं कर पाते, परंतु यह निर्णय मिलकर लेते हैं कि साथ-साथ रहकर कुछ नहीं किया जा सकता...
कार्यालय : वह स्थान, जहां आप घर के तनावों से मुक्ति पाकर विश्राम कर सकते हैं...
पड़ोसी : वह महानुभाव, जो आपके मामलों को आपसे ज्यादा समझते हैं...
नेता : वह शख्स, जो अपने देश के लिए आपकी जान की कुर्बानी देने के लिए हमेशा तैयार रहता है...
नेता : ऐसा आदमी, जो धनवान से धन और गरीबों से वोट इस वादे पर बटोरता है कि वह एक की दूसरे से रक्षा करेगा...
ज्ञानी : वह शख्स, जिसे प्रभावी ढंग से, प्रभावी भाषा में, सीधी बात को उलझाना आता है...
आशावादी : वह व्यक्ति, जो सिगरेट मांगने पहले अपनी दियासलाई जला ले...
आशावादी : वह व्यक्ति, जो अपने बेडरूम में सिगरेट के टोटे देखने पर सोचता है, उसकी पत्नी ने सिगरेट पीना शुरू कर दिया है...
आमदनी : जिसके साथ भी गुज़ारा मुमकिन न हो, और जिसके बिना भी...
दूसरी शादी : अनुभव पर आशा की विजय...
मनोवैज्ञानिक : वह व्यक्ति, जो किसी खूबसूरत लड़की के कमरे में दाखिल होने पर उस लड़की के सिवाय बाकी सब चीज़ों को गौर से देखता है...
नई साड़ी : जिसे पहनकर स्त्री को उतना ही नशा हो, जितना एक पुरुष को शराब की पूरी बोतल पीकर होता है...
अवसरवादी : वह व्यक्ति, जो गलती से नदी में गिर पड़े तो नहाना शुरू कर दे...
अनुभव : भूतकाल में की गई गलतियों का दूसरा नाम...
कूटनीतिज्ञ : वह व्यक्ति, जो किसी स्त्री का जन्मदिन याद रखता है, उसकी उम्र नहीं...
अधिकारी : वह, जो आपके पहुंचने के पहले ऑफिस पहुंच जाता है और यदि कभी आप जल्दी पहुंच जाएं तो काफी देर से आता है...
अपराधी : दुनिया के बाकी सभी लोगों जैसा ही मनुष्य, परंतु अंतर मात्र यही है, कि वह पकड़ा गया है...
कंजूस : वह व्यक्ति, जो ज़िंदगी भर गरीबी में रहता है, ताकि अमीरी में मर सके...
कान्फ्रेन्स रूम : वह स्थान, जहां हर व्यक्ति बोलता है, कोई नहीं सुनता है और अंत में सब असहमत होते हैं...
समझौता : किसी चीज को बांटने का वह तरीका, जिसमें प्रत्येक को लगता है कि उसे बड़ा हिस्सा मिला...
व्याख्यान : सूचना को स्थानांतरित करने का एक तरीका, जिसमें व्याख्याता की डायरी के नोट्स, विद्यार्थियों की डायरी में बिना किसी के दिमाग से गुज़रे पहुंच जाते हैं...
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Wednesday, December 02, 2009
परिभाषाएं अथवा पारिभाषिक शब्द...
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Jokes,
Vivek Rastogi,
चुटकुले,
परिभाषाएं,
पारिभाषिक शब्द,
विवेक रस्तोगी
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