संता सिंह अपने बेडरूम में तल्लीनता से भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच देख रहे थे...
तभी पत्नी ने आकर कहा, "जानेमन, प्लीज़, बरामदे की ट्यूबलाइट ठीक कर दो... वह कई दिन से नहीं जल रही है, और अंधेरे में मुझे बहुत परेशानी होती है..."
संता ने टीवी से निगाह हटाए बिना गुस्से में फुंफकारते हुए कहा, "तुझे मेरे माथे पर सिल्वेनिया लक्ष्मण लिखा दिखाई दे रहा है क्या, जो मैं तेरी ट्यूबलाइट ठीक करूं... भाग जा यहां से..."
बीवी बेचारी चुपचाप रसोई में चली गई...
कुछ ही देर बाद वह फिर लौटी, और बोली, "जानेमन, प्लीज़ फ्रिज का दरवाजा ठीक कर दो, अन्दर रखी चीज़ें खराब होती रहती हैं..."
संता ने फिर एक पल के लिए भी टीवी से निगाह हटाए बिना गुस्से में कहा, "तुझे मेरे माथे पर केल्विनेटर लिखा दिखाई दे रहा है क्या, जो मैं तेरे फ्रिज का दरवाजा ठीक करूं... भाग जा यहां से..."
बेचारी बीवी फिर चुपचाप चली गई, और सफाई करने लगी, लेकिन कुछ ही देर बाद फिर मजबूर हो गई, और संता के पास आकर बोली, "जानेमन, आखिरी बार तंग कर रही हूं... बहुत ज़रूरी है... प्लीज़, वैक्यूम क्लीनर ठीक कर दो, वरना सफाई कैसे होगी..."
इस बार संता आपे से बाहर हो गया, और दहाड़कर बोला, "तुझे मेरे माथे पर इलेक्ट्रोलक्स लिखा दिखाई दे रहा है क्या, जो मैं तेरा वैक्यूम क्लीनर ठीक करूं... भाग जा यहां से, और लौटकर मत आना..."
इस बार की डांट से बेचारी बीवी रुंआसी हो गई, और चुपचाप घर के बाहर बरामदे में बैठकर रोने लगी...
उधर संता का मैच खत्म हुआ, भारत जीता, सो, वह दारू पीकर जश्न मनाने के लिए घर से निकलकर सीधा एक बार में चला गया, और चार-पांच घंटे बाद घर लौटने लगा...
लेकिन रास्ते में उसे बीवी से किए बर्ताव पर शर्मिन्दगी होने लगी, और उसने बीवी से माफी मांगने और उसकी मदद करने की प्रतिज्ञा कर ली, तथा तेज़ कदमों से घर आ गया...
लेकिन यह क्या... घर लौटते ही वह हैरान हो गया, क्योंकि घर बिल्कुल साफ था, और वैक्यूम क्लीनर सुधरा हुआ घर के ड्राइंग रूम में रखा था...
रसोई में जाकर पानी पीने के लिए बरामदे से गुजरा तो वहां की ट्यूबलाइट भी जली हुई दिखी, और आखिरकार फ्रिज से पानी निकालने के लिए झुका तो दरवाजा भी ठीक पाया...
अब उससे रहा नहीं गया, और बीवी को तलाश करता हुआ बेडरूम में आया, जहां बीवी आराम से लेटी गाने सुन रही थी...
संता बीवी से बोला, "मेरी जान, मुझे तुम्हारे साथ चीख-पुकार करने के लिए माफ कर दो, लेकिन ये सब चीज़ें ठीक कैसे हो गईं...?"
बीवी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "तुम्हारे जाते ही एक जवान लड़का घर के सामने से गुज़रा, जो मुझे परेशान देखकर रुक गया, और फिर मेरी मदद की पेशकश की... तुम मना कर ही चुके थे, सो, मैंने उसकी मदद कबूल कर ली, और उसने आधे घंटे में ही सब कुछ बिल्कुल ठीक कर दिया... फिर इस मदद के बदले में उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि या तो मुझे उसके साथ सोना होगा, या अपने हाथ से केक बनाकर खिलाना होगा..."
संता ने मुस्कुराते हुए पूछा, "तो फिर अपने मददगार को किस फ्लेवर का केक बनाकर खिलाया तुमने...?"
पत्नी ने तुनककर जवाब दिया, "तुम्हें मेरे माथे पर पोल्का बेकरी लिखा दिखाई दे रहा है क्या, जो मैं केक बनाती..."
सबसे सटीक जवाब... बहुत मस्त है... :-)
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