Showing posts with label भूत-प्रेत. Show all posts
Showing posts with label भूत-प्रेत. Show all posts

Tuesday, April 10, 2012

अंधियारी रात, कब्रिस्तान, और दो भूत...


काली अंधियारी खौफनाक-सी रात में कब्रिस्तान के दरवाज़े पर काले लबादे में लिपटा खड़ा एक भूत अपने साथी को समझा रहा था, "डर मत, भाई... ये सब तेरे दिमाग का वहम और निरी अफवाहें हैं, कोई रजनीकांत-वजनीकांत नहीं होता..."
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

कौन हूं मैं...

मेरी पहेलियां...

मेरी पसंदीदा कविताएं, भजन और प्रार्थनाएं (कुछ पुरानी यादें)...

मेरे आलेख (मेरी बात तेरी बात)...