दो व्यक्ति एक बार में बैठे थे...
एक ने कहा, यार... मेरी फैमिली में बहुत प्रॉब्लम है...
उसकी बात काटकर दूसरा बोला, पहले मेरी सुन... मैंने कुछ दिन पहले एक विधवा से शादी की, जिसकी एक बेटी थी... कुछ दिन बाद पता चला कि मेरे पिताजी को मेरी नई बीवी की बेटी से प्यार है और उन्होंने उससे शादी कर ली, जो अब मेरी ही बेटी थी... अब मेरे पिताजी मेरे दामाद बन गए और मेरी बेटी मेरी मां... और मेरी ही पत्नी मेरी नानी हो गई... फिर ज्यादा प्रॉब्लम तब हुई, जब मेरे बेटा हुआ... अब मेरा बेटा मेरी मां का भाई हो गया तो इस तरह मेरा मामा हो गया... परिस्थिति इससे भी ज़्यादा ख़राब हो गई, जब मेरे पिताजी को बेटा हुआ... अब मेरे पिताजी का लड़का यानी मेरा भाई मेरा ही धेवता (नाती) हो गया और इस तरह मैं खुद का ही दादा भी हो गया और खुद का ही पोता भी...
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Thursday, November 19, 2009
फैमिली प्रॉब्लम
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