Tuesday, March 30, 2010

संता सिंह और भरी हुई बस...

संता सिंह बुरी तरह भरी हुई बस में सवार हुए, और आगे बढ़ने की कोशिश में उनका पांव एक निहायत खूबसूरत आधुनिका के पांव पर पड़ गया...

संता ने तत्काल 'सॉरी' कहा, लेकिन लड़की का पारा सातवें आसमान पर पहुंच चुका था, और उसने संता को खरी-खोटी सुनानी शुरू कर दी, "अंधे, बेवकूफ... देखकर नहीं चल सकते... ये बदमाश जानबूझकर हम लड़कियों से टकराते हैं..."

बेचारे संता पर जैसे घड़ों पानी पड़ गया, उसने फिर 'सॉरी' कहा, और चुपचाप एक तरफ खड़ा रहा...

अगले ही स्टॉप पर बस में एक जवान खूबसूरत-सा लड़का सवार हुआ, जिसके हाथ में आधुनिक मोबाइल फोन था, और कानों में हेडफोन लगे हुए थे, जिन पर वह गीत सुन रहा था...

आगे बढ़ने की कोशिश में उसका पांव भी उसी लड़की के पांव पर पड़ा, और वह भी तुरंत बोला, "सॉरी..."

लड़की ने तपाक से अपने पांव समेटे, और मुस्कुराकर बोली, "कोई बात नहीं, भीड़ में ऐसा हो जाता है..."

संता सिंह तुरंत आगे बढ़ा, और लड़की के गाल पर तमाचा जड़कर बोला, "मेरी 'सॉरी' के क्या स्पेलिंग गलत थे...?"

2 comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

कौन हूं मैं...