शरारती सार्थक की हाज़िरजवाबी, और इस आदत के तहत दिए गए ऊटपटांग जवाबों के चलते सभी अध्यापक परेशान थे, लेकिन लाख समझाने पर भी वह बाज़ नहीं आता था, सो, एक दिन गणित के अध्यापक ने एक असंभव सवाल पूछकर सार्थक का सिर नीचा करने की योजना बनाई...
अगले दिन कक्षा में आते ही अध्यापक ने सार्थक को एक सवाल हल करने के लिए दिया, "सिद्ध करो कि एक रुपया और एक पैसा समान होते हैं..."
सार्थक ने विचलित हुए बिना चॉक उठाया, और जाकर ब्लैकबोर्ड पर लिखना शुरू कर दिया...
=> एक रुपया = 100 पैसे
=> एक रुपया = 10 पैसे x 10 पैसे
=> एक रुपया = 0.1 रुपया x 0.1 रुपया
=> एक रुपया = 0.01 रुपया
=> एक रुपया = एक पैसा
अध्यापक बेचारा सिर धुनकर रह गया...
=> एक रुपया = 100 पैसे
=> एक रुपया = 10 पैसे x 10 पैसे
=> एक रुपया = 0.1 रुपया x 0.1 रुपया
=> एक रुपया = 0.01 रुपया
=> एक रुपया = एक पैसा
अध्यापक बेचारा सिर धुनकर रह गया...
अरे वाह... यह तो सचमुच सही है, यार... :-)
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