Wednesday, December 09, 2009

सार्थक के पापा के बॉस, और सार्थक...

सार्थक के पापा के बॉस को अचानक किसी ज़रूरी काम से सार्थक के घर फोन करना पड़ा...

उन्हें सार्थक की तोतली-फुसफुसाती आवाज़ में जवाब मिला, "हैलो..."

बॉस ने पूछा, "बेटे, क्या तुम्हारे पापा घर पर हैं...?"

सार्थक ने फुसफुसाकर कहा, "हां..."

अब बॉस ने पूछा, "क्या मैं तुम्हारे पापा से बात कर सकता हूं...?"

बॉस को बहुत आश्चर्य हुआ, जब सार्थक ने तपाक से जवाब दिया, "नहीं..."

किसी भी बड़े से बात करके संदेश देने के इरादे से अब बॉस ने पूछा, "बेटे, क्या तुम्हारी मम्मी घर पर हैं...?"

फिर फुसफुसाती आवाज़ ने जवाब मिला, "हां..."

बॉस ने तुरंत पूछा, "क्या मैं उनसे बात कर सकता हूं...?"

फिर वही जवाब मिला, "नहीं..."

यह सोचकर कि इतने छोटे बच्चे को घर पर अकेला नहीं छोड़ा गया होगा, बॉस ने फिर पूछा, "क्या तुम्हारे घर में कोई और भी है..."

सार्थक फिर फुसफुसाया, "हां, पुलिसवाले अंकल..."

इस बात पर चकित होते हुए कि पुलिसवाले वहां क्या कर रहे हैं, बॉस ने पूछा, "क्या मैं उन पुलिसवालों से बात कर सकता हूं...?"

सार्थक फिर फुसफुसाकर बोला, "नहीं, वे व्यस्त हैं..."

अब बॉस ने पूछा, "वे किस काम में व्यस्त हैं...?"

वही धीमी-सी आवाज़ फिर आई, "मम्मी-पापा और फायरमैन से बात करने में..."

अब बॉस की चिन्ता और बढ़ गई, लेकिन वह कुछ पूछ पाते, इससे पहले उन्हें फोन पर हेलीकॉप्टर जैसी आवाज़ सुनाई दी, तो उन्होंने तुरंत पूछा, "यह कैसी आवाज़ है, बेटे...?"

फिर से बेहद धीमी आवाज़ में जवाब मिला, "हेलीकॉप्टर..."

अब बॉस बेहद चिंतित हो उठे, और पूछा, "वहां हो क्या रहा है, बेटे...?"

सार्थक ने जवाब दिया, "दरअसल हेलीकॉप्टर से कुछ खोजने वाले लोग उतरे हैं..."

बॉस के दिल की धड़कनें बेहद तेज़ हो चुकी थीं, लेकिन असली बात जानने के उद्देश्य से उन्होंने पूछा, "वे लोग क्या खोज रहे हैं तुम्हारे घर में...?"

सार्थक ने अब भी फुसफुसाते हुए जवाब दिया, "मुझे..."

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