संता सिंह अपने दोस्त बंता सिंह के साथ बार में बैठा शराब पी रहा था, और पिछली रात अपनी बीवी के साथ हुए झगड़े के बारे में बता रहा था...
संता ने बताया कि उसकी बीवी ने उसे गन्दी-गन्दी गालियां भी दीं, और नाकारा, कामचोर भी कहा...
बंता ने अफसोस ज़ाहिर करते हुए कहा, "यार, भाभी ने ऐसा करके ठीक नहीं किया... यह तो सरासर गलत है... खैर, तू यह बता, झगड़ा खत्म कैसे हुआ...?"
संता ने अब सीना फुलाकर कहा, "आखिरकार वह घुटने के बल चलते हुए मेरे पास आई..."
बंता की आंखें हैरानी से फैल गईं, "अरे वाह... यह तो चमत्कार हो गया... खैर, तू यह बता, भाभी ने घुटने के बल तेरे पास आकर कहा क्या...?"
संता ने तपाक से जवाब दिया, "वह बोली, अब पलंग के नीचे से निकल आओ, मैं वादा करती हूं, और नहीं मारूंगी..."
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Tuesday, July 13, 2010
बीवी को घुटने के बल चलाया...
कीवर्ड अथवा लेबल
Jokes,
Vivek Rastogi,
घुटने के बल,
चुटकुले,
झगड़ा,
पति-पत्नी,
विवेक रस्तोगी,
संता-बंता
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
संता सिंह के साथ यह नया प्रयोग! मजा आ गया.
ReplyDeleteधन्यवाद, PN Subramanian जी... :-)
ReplyDelete