संता सिंह और बंता सिंह ने बैंक लूटने गए, और वहां तिजोरी से दो बैग निकलकर ले आए...
दोनों दोस्तों ने एक-एक बैग बांट लिया...
कुछ दिन बाद...
संता और बंता की मुलाकात एक रेस्तरां में हुई, तो संता ने पूछा, "तुम्हारे बैग में क्या मिला...?"
बंता ने जवाब दिया, "13 लाख रुपये... मज़े कर रहा हूं... वैसे तुम्हारे बैग में क्या निकला...?"
संता ने जवाब दिया, "पैसे तो नहीं थे, लेकिन ढेर सारे बिल निकले थे... एक-एक करके चुका रहा हूं..."
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Sunday, July 25, 2010
संता-बंता ने लूटा बैंक...
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