शरारती सार्थक ने एक दिन अपने पिता से कहा, "पापा, मैं बड़ा होकर चांद जैसी लड़की से शादी करूंगा..."
पिता ने बेटे के भोलेपन पर खुश होते हुए कहा, "चांद जैसी सुंदर लड़की से शादी करने के लिए तुम्हें खूब कामयाब इंसान बनना होगा, इसलिए जमकर पढ़ाई करना, बेटे..."
सार्थक ने कुटिल मुस्कुराहट के साथ तपाक से जवाब दिया, "चांद जैसी का मतलब सुंदर लड़की नहीं है, पापा... चांद जैसी से मेरा मतलब था, जो रात को आए, सुबह चली जाए..."
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Friday, July 23, 2010
सार्थक और चांद जैसी पत्नी...
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होनहार बिरवान के होत चीकने पात :-)
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