चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Thursday, April 15, 2010
शरारती सार्थक और पुस्तक...
शरारती सार्थक अपने कमरे में बैठा बहुत तल्लीनता से एक पुस्तक पढ़ रहा था, जब उसकी मां ने उसे देखा...
झांकने पर मां को जब पुस्तक का शीर्षक दिखा तो वह हैरान रह गई, क्योंकि शीर्षक था - 'बच्चों का लालन-पालन कैसे करें'...
हैरान मां ने तुरंत सार्थक से सवाल किया, "बेटा, तू यह किताब क्यों पढ़ रहा है...?"
सार्थक ने हमेशा की तरह तपाक से जवाब दिया, "मैं जानना चाहता हूं, मेरा लालन-पालन ठीक से किया जा रहा है या नहीं..."
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