संता सिंह अपने दोस्तों के साथ ऊंट पर रेगिस्तान की सैर के लिए निकले, और रेत के तूफान की वजह से काफिले से बिछड़ गए...
शुक्र था, कि खाने-पीने का पर्याप्त सामान संता के पास मौजूद था...
कई दिन तक भटकते रहने के बाद, एक दिन संता को सेक्स की इच्छा होने लगी तो कोई और चारा न देखकर उसने ऊंट के साथ ही कोशिश की, लेकिन ऊंट आगे भाग गया, और संता तरसता रह गया...
इसके बाद दो-तीन दिन तक कई-कई बार संता ने कोशिश की, लेकिन ऊंट हर बार आगे भाग जाता था...
एक दिन अचानक संता को एक सड़क नज़र आई, और वह खुश हो गया...
सड़क पर पहुंचते ही संता को वहां एक कार खड़ी नज़र आई, जिसके पास दो खूबसूरत और जवान लड़कियां खड़ी थीं...
संता को देखते ही लड़कियों ने कहा, "सर, हम पिछली रात से यहां फंसी हुई हैं... क्या आप हमारी कार ठीक कर सकते हैं, हम बदले में आपके लिए कुछ भी करने को तैयार हैं..."
संता ने खुश होकर पूछा, "कुछ भी...?"
लड़कियों ने एक-दूसरे की तरफ देखा, और कोई अन्य चारा न देखकर कहा, "हां सर, हम कुछ भी करेंगी..."
संता ने तुरंत उनकी कार का हुड खोला और उसे ठीक करने में जुट गया...
सौभाग्यवश कुछ ही मिनट में कार ठीक हो गई, और सभी खुश दिखने लगे...
लड़कियां मुस्कुराते हुए संता के करीब आईं, और कहा, "अब बताइए सर, हम दोनों आपके लिए क्या कर सकती हैं...?"
संता ने तपाक से जवाब दिया, "कुछ देर के लिए मेरे ऊंट को कसकर पकड़ लो, प्लीज़..."
चुटकुला ऐसी संज्ञा है, जिससे कोई भी अपरिचित नहीं... हंसने-हंसाने के लिए दुनिया के हर कोने में इसका प्रयोग होता है... खुश रहना चाहता हूं, खुश रहना जानता हूं, सो, चुटकुले लिखने-पढ़ने और सुनने-सुनाने का शौकीन हूं... कुछ चुनिंदा चुटकुले, या हंसगुल्ले, आप लोगों के सामने हैं... सर्वलोकप्रिय श्रेणियों 'संता-बंता', 'नॉनवेज चुटकुले', 'पति-पत्नी' के अलावा कुछ बेहतरीन हास्य कविताएं और मेरी अपनी श्रेणी 'शरारती सार्थक' भी पढ़िए, और खुद को गुदगुदाइए...
Thursday, March 18, 2010
संता सिंह, रेगिस्तान की सैर, और ऊंट...
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ha ha ha maza aagaya
ReplyDeletemast joke
keep it up
धन्यवाद बेनामी जी...
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